संवाददाता सूरज सागर बरेली।

रिछा/बरेली। स्थित राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ के. के.तिवारी जी ने सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर के किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय को गांधी जी द्वारा रचित पुस्तक “हिंद स्वराज” की प्रति को भेट कर उनका स्वागत सम्मान किया । डॉ. पाण्डेय ने गांधी जी की रचना धर्मिता तथा गांधी दर्शन का हिन्दी साहित्य पर क्या प्रभाव पड़ा इस विषय पर विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किया। तथा शास्त्री जी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शास्त्री जी ने जो राजनीतिक शुचिता, पद की गरिमा तथा ईमानदारी ,कर्तव्य निष्ठा और राष्ट्रीय स्वाभिमान को अपने कृतित्व, सादगी, सौम्यता, से जो ऊंचाई प्रदान की उससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेकर अपना मार्ग प्रशस्त करेंगी।प्राचार्य महोदय ने कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य शिक्षक गण तथा विद्यार्थियों को गांधी जयंती शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए, विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी के व्यक्तिव के गठन में पूरब और पश्चिम दोनों का अहम योगदान था। यही कारण है गांधी जी दो विपरीत ध्रुवो के बीच समन्वय स्थापित करने की कला में महारत हासिल थी। वह अपने व्यवहार में संत थे और विचारों में क्रांतिकारी । राजनीति के आगे चलने वाले विराट राजनेता थे, तो सामाजिक विकृतियों की जड़ों पर चोट करने वाले समाज सुधारक भी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी और देश के प्रत्येक नागरिक को गांधी जी द्वारा दिए गए सत्य,अंहिंसा के मंत्र को आत्मसाथ करना चाहिए । आज विश्व को सबसे ज्यादा गांधी के विचारो पर चलने , उन्हें अपनाने की आवश्यकता है। हम सब सत्य ,अहिंसा के मार्ग पर चल कर विश्व शांति को स्थापित कर सकते है। कार्यक्रम में सभी संकाय/ विभागों के शिक्षक गण विद्यार्थी गण उपस्थित रहे। विद्यार्थियो ने गांधी जी के व्यक्तित्व पर आधारित कविता पाठ तथा मौलिक विचार भी प्रस्तुत किए।कार्यक्रम के समापन अवसर पर विज्ञान संकाय के संयोजक डॉ अन्नत प्रकाश जी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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