संवाददाता आशीष तिवारी

सिरौली। शासन के लाख प्रयास के बाद भी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार नही है जब सिरौली के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो फार्मासिस्ट की कुर्सी खाली मिली। इस दौरान मरीज इधर उधर भटकते नजर आए और पर्चा बनाने के लिए लंबी कतार लगी थी।स्टाफ से बाहर के प्राइवेट लड़के मरीजों को देते हैं दवाई।कुर्सी खाली होने पर जब लड़के से पूछा गया तो उसने बताया बाहर चाय पीने गया था और फार्मासिस्ट के बारे में जानकारी ली गई तो बताया की ब्लॉक रामनगर गए हैं।

बिना फार्मासिस्ट दी जा रही थी दवाई प्रशिक्षु दे रहे थे दवाई वहीं सवाल ये है कि अगर ये दवाएं बीमारी के अनुसार सही साबित नहीं होती हैं और कोई रिएक्शन हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिरौली की ये तस्वीर व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए काफी है।

नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से पूरे मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि आप किस-किस समस्या पर खबर लिखेंगे अस्पताल में तो बहुत सारी कमियां हैं जहां पर महिला डॉक्टर नहीं है वार्ड बाय नहीं है महिला स्टाफ नहीं है जिसमें बहुत सारी कमियां है अगर हम बताएंगे तो आपका अखबार भर जाएगा डॉक्टर साहब से कवरेज के दौरान पत्रकार से अभद्रता के बारे में पूछा गया तो डॉक्टर साहब ने कहा की पत्रकार से किसी प्रकार की कोई अभद्रता नहीं की गई है उन्होंने वीडियो बनाया था और वीडियो बनाकर ले गए थे लेकिन हमने इतना जरूर कहा था कि यदि आपको कवरेज ही करना था तो एक बार हमसे पूछ लेते लेकिन जिसे संविधान का चौथा स्तंभ कहा जाता है अगर कवरेज के दौरान किसी पत्रकार को रोका जाता है तो यह सही है या गलत।

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