एडीजी के आदेश पर हुई भूमाफियाओं पर रिपोर्ट दर्ज।

रिपोर्ट कमलजीत सिंह


बहेड़ी ( बरेली ) बहेड़ी में भूमाफियाओं के द्वारा एक दूसरे की जमीन पर कब्जा करना व जमीन के कागजों में हेर फेर कर एक दूसरे को बेच देना आम बात हो गई है।

पुलिस के मामला संज्ञान में आने के बाद भी भूमाफियाओं करवाई न होना पुलिस की सुस्त कार्यशाली को दर्शाता है। ऐसा ही एक मामला बहेड़ी में सामने आया है । जिसमें एक किसान की फसल भूमाफिया के द्वारा जोत दी जाती है। पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचती है ।

लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करती है। अब इसी कोतवाली पुलिस को एडीजी के आदेश पर भूमाफियाओं पर रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ती है। अब सवाल उठता है । कि अगर पुलिस पहले ही कार्रवाई करती तो फिर यह नौबत क्यों आती क्या बहेड़ी की पुलिस भूमाफियाओं के आगे नर मस्तक हो गई है।


रमन कुमार पुत्र कस्तूरी लाल निवासी ग्राम मंडनपुर शुमाली ने एडीजी जोन बरेली को दिए शिकायती पत्र में बताया कि बहेड़ी में सक्रिय भूमाफियाओं के गिरोह द्वारा अवैध हथियारों के बल पर उसकी खड़ी फसल को नष्ट करके जोत दिया गया है।

वादी ने बताया कि उसकी पुत्री नताशा एवं भतीजी श्यामली अरोड़ा पुत्री श्याम सुंदर अरोड़ा की आराजी काश्त गाटा संख्या 207 का रकबा ग्राम मंडनपुर शुमाली कोतवाली बहेड़ी में स्थित है। वादी पिछले सन 2008 से उक्त भूमि पर काबिज दाखिल है।

उक्त जमीन उसने अपने सगे भाई जीवनलाल पुत्र कस्तूरी लाल से खरीदी थी। उसके भाई जीवन लाल की मृत्यु के बाद उनका बेटा गौरव अरोड़ा ने अपनी मां नेहा अरोड़ा को साथ लेकर भूमाफियाओं से ताल मेल करके पहले तो उसकी आवासीय भूमि को खुर्द वुर्द किया ।

अब इन्हीं भूमाफियाओं के साथ मिलकर नताशा और श्यामली अरोड़ा की जमीन जिसे वह 2008 से जोत और फसल हो रहा है । पर फर्जी दस्तावेज के द्वारा बहेड़ी के कुख्यात भूमिया जलीस डायमंड के बेटे अजीम अख्तर और जलीस की पुत्रवधू मंतसा के नाम फर्जी रजिस्ट्री करा दी ।

जबकि इस जमीन पर बैनामा कराने के दौरान स्थगन का आदेश था। वहीं खतौनी में नताशा और श्यामली अरोड़ा का नाम दर्ज था। वादी ने एडीजी को बताया कि उक्त गाटा संख्या 207 में वादी की गन्ने की और लाई की व कुछ भाग में गेहूं की फसल खड़ी थी ।

जिसे बीते 18 नवंबर 2 0 24 को जलीस अहमद व उसके पुत्र अजीम अख्तर, शानू अख्तर, मुजाहिद अख्तर व दर्जन भर अन्य साथियों के साथ फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया गया।

जब वादी को इसकी सूचना मिली तो उसने कोतवाली बहेड़ी पुलिस को सूचना दी । और वह पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा । तो वह लोग ज्यादातर फसल को नष्ट कर चुके थे।


उक्त भूमाफियाओं ने पुलिस के सामने ही वादी को व उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी ।

और पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया था। वादी के द्वारा पुलिस को कागजात दिखाने के बावजूद भी उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की। वादी ने भूमाफियाओं पर आरोप लगाया कि बे काफी हेकड़ और अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं ।

इन्हें कुछ नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है। वादी का आरोप है , कि जलीस अहमद बहेड़ी में विवादित जमीनों पर कब्जे के लिए कुख्यात है । इससे मेरे परिवार को जान माल का खतरा बना हुआ है । पुलिस इनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करती है।


बहेड़ी इस्पेक्टर ने एडीजी की फटकार के बाद को हरकत में आई पुलिस ने भूमाफियाओं जलीस अहमद, व उसके बेटे अजीम अख्तर, शानू अख्तर, मुजाहिद अख्तर, मंतसा सहित अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

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