संवाददाता सूरज सागर
विभिन्न राज्यों से चयनित 51 शिक्षकों और समाज सेवियों सहित इनको मिला ‘उत्तर प्रदेश पारस रत्न सम्मान 2025’

बरेली। पारस एजुकेशनल सोसाइटी के 17 वां स्थापना दिवस के अवसर पर स्टेडियम रोड स्थित खुशलोक सभागार में उत्तर प्रदेश पारस रत्न सम्मान 2025 का आयोजन किया गया।
जिसमें 51 शिक्षकों और समाज सेवियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद छत्रपाल गंगवार, महापौर डॉ. उमेश गौतम, बंटी ठाकुर, इंजीनियर एके सिंह ने माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्पार्पण कर किया।
पारस एजुकेशनल सोसाइटी लगातार शिक्षकों, छात्रों और समाजसेवियों को अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करने पर निरंतर हर वर्ष सम्मानित करती है।
सम्मान समारोह में दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 51 शिक्षकों को उत्तर प्रदेश पारस रत्न सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
जिसमें बरेली से राज्य पुरस्कृत शिक्षक, राज्य आईसीटी पुरस्कार से सम्मानित प्राथमिक विद्यालय मटिया नगला, फरीदपुर बरेली के
प्रधान अध्यापक डॉ. अमित शर्मा को दो दर्जन पुस्तकों एवं 250 से अधिक शोधपत्रों और लेखों के लेखन के साथ साथ शिक्षण में आईसीटी के उपयोग, शैक्षिक नवाचारों एवं गुणात्मक शैक्षिक वातावरण के विकास हेतु इस सम्मान से सम्मानित किया गया।
इसी क्रम में बरेली के डॉ. अखिलेश उपाध्याय एवं डॉ. नेहा यादव को एआरपी के रूप में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने, लेखन कार्य एवं शैक्षिक शोध के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।
यूपीएस शाहपुर बनियान के डॉ. संजीव कुमार शर्मा को डॉ. कलाम आईसीटी लैब स्थापित करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं शैक्षिक नवाचारों हेतु इस सम्मान हेतु चयनित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद छत्रपाल गंगवार, महापौर डॉ. उमेश गौतम, पारस एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रतिपाल सिंह (बंटी ठाकुर), डॉ. विनोद पागरानी,
डॉ. विमल भारद्वाज,पल्लवी शर्मा, शरदेन्दु सिंह चौहान, राजीव कश्यप,आलोक सिंह, इंजीनियर एके सिंह, नीरज शर्मा, सत्येंद्र पटेल,
लक्ष्मी चौहान, दीप्ति राजपूत, आशा सिंह, रश्मि जोशी, संजीव अवस्थी, मनोज मंजुल, प्रदीप कुमार बाथम, पूजा पांडे, श्वेता सिंह, प्रवीन कुमार, अतुल शर्मा, डॉ नेहा यादव, मुनीश गुप्ता, शिखा सक्सेना,
पारस सिंह, देबोजित पाठक, कार्तिक अग्रवाल, डॉ त्रिलोक चंद्र, जितेंद्र प्रताप, सोनल गुप्ता, रचना शर्मा, डॉ अमित शर्मा, बृजेश कुमार, प्रतोष मिश्रा, बृजपाल सिंह गंगवार आदि शिक्षक व समाजसेवी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।