बिशारतगज( सददाम खान) आज क्षेत्रीय सहकारी समिति बिशारतगंज पर कमिश्नर के आदेश पर पर्यटन विभाग के अधिकारी की टीम ने की छापेमारी की तो सामने आई कई कमियां किसानों ने कहा कि हमको एनपीके एक बोरी लेने पर जबरदस्ती सारिका या नैनौ डिएपी की एक बोतल दी जाती है इस पर अपनी सफाई देते हुए सचिव पंकज शर्मा ने कहा ऐसा नहीं है कुछ किसान अपनी मर्जी से सारिका या नैनो बोतल मांगते हैं तो देते हैं अगर किसान नहीं मांगता है तो नहीं दी जाती है इस पर अधिकारी के सामने किसानों ने कहा ऐसा नहीं है यह लोग जबरदस्ती ही देते हैं अधिकारी ने सचिव को फटकार लगाते हुए कहा ऐसी शिकायत दोबारा नहीं आनी चाहिए अगर किसान सारिका या नैनो बोतल लेना नहीं चाहता है तो आप अपने विभाग को ऊपर लिखो कि यह चीज़ हमको ना दी जाए जो किसान नहीं लेना चाहता है इसी बीच वहां पर उपस्थित पल्लेदारों ने किसानों को वहां से भागना शुरू कर दिया कहा जाईऐ भीड़ मत लगाइए अब किसी को भी कोई चीज नहीं मिलेगी कल आना जब इस संबंध में सचिव पंकज शर्मा से पूछा कि पल्लेदारों को अपने आदेश दिया है यहां से किसानों को भगाने का तो सचिव ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा हमारे यहां कोई पल्लेदार नहीं है समिति पर हम और वेदपाल सिर्फ दो ही लोग हैं बाकी यहां कोई नहीं काम करता है पल्लेदारों को किसान खुद लेकर आते हैं अपने साथ वहीं उपस्थित किसानों ने भी बताया की इन्हीं के पल्लेदार इन्होंने ही रख रखा है आपको बताते चलें कि पल्लेदारों के हौसले इतने बुलंद है कि वह किसानों से लड़ने को भी तैयार हो जाते हैं अनाप-शनाप अब शब्द भी कहते हैं समिति पर किसको कितनी खाद या डीएपी दी जानी है यह पल्लेदार ही तय करते हैं सूत्रों के अनुसार पल्लेदार सीमित पर डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी करते हैं अब सवाल यह उठता है किसके इशारे पर पल्लेदार किसानों के साथ गलत भाषा का प्रयोग करते हैं जबकि सचिव ने कहा हमारे यहां कोई पल्लेदार नहीं है फिर कौन है यह लोग क्या इनके द्वारा ही होती है खाद और डीएपी की कालाबाजारी इस सम्बन्ध में निरीक्षण करने वाले अधिकारी से सम्पर्क किया तो उनकी टीम के एक सदस्य ने बताया कमिश्नर के आदेश पर प्राइवेट दुकानों सरकारी सहकारी समितियों पर डीएपी का स्टॉक चेक करने के निर्देश मिले हैं।इसी संबंध में यहां पर कुछ किसानों ने कहा कि उनको सारिका जबरदस्ती देने की शिकायत की सचिव से कहें दिया गया है कि किसी किसान को जबरजस्ती कुछ नहीं दिया जाएगा।