संवाददाता आंवला/बरेली। स्वच्छ भारत अभियान की हकीकत देखना हो तो आंवला तहसील के व्लाक रामनगर की ग्राम पंचायत बरसेर आ जाईए । जहां बने सामुदायिक शौचालय की हकीकत देख चौंक जाएंगे । यहां साफ-सफाई के अभाव में सार्वजनिक शौचालय का हाल बदहाल है। शौचालय के अंदर गंदगी के अंबार लगे हैं । शराबियों की शराब पीने का अड्डा बन चुका है सामुदायिक शौचालय तमाम शराब के खोखलों से भरा पड़ा है। टायलेट सीटें टूटी पड़ी हैं । शौचालय पूरा अंदर से लेकर बाहर तक गंदगी से पटा है। पानी की कोई व्यवस्था नहीं है पाइप टूटे पड़े हैं । फिर भी केयर टेकर का मानदेय व रख रखाव का रूपया हर महीने निकल रहा है।

योगी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाने का काम जिम्मेदारों द्वारा बखूबी किया जा रहा है ।आपको बता दें स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय पर केयर टेकर की नियुक्ति की गई है जिनको 6 हजार प्रतिमाह वेतन व 3 हजार रख रखाव हेतु भुगतान किया गया जा रहा है।सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है कि ग्राम पंचायत बरसेर में बने सामुदायिक शौचालय का हाल तो बेहाल है कोई साफ सफाई नहीं। सामुदायिक शौचालय में बकरियां बंध रही हैं।फिर भी केयर टेकर का रूपया धड़ल्ले से निकल रहा है।अभी बीते कुछ ही दिनों पहले दो बार में सामुदायिक शौचालय के नाम पर 18 हजार व 45 हजार का भुगतान कुल मिलाकर 63 हजार का भुगतान हाल ही में किया गया है। फिर भी सामुदायिक शौचालय हाल बेहाल है।वहीं इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान पति से बात की गई तो उन्होंने बताया सामुदायिक शौचालय पर चार पांच महीनों से कोई केयर टेकर नहीं है न ही कोई सामुदायिक शौचालय से संबंधित भुगतान किया गया है।

अब यहां समझने बाली बात ये है कि जब सामुदायिक शौचालय पर चार पांच महीनों से कोई केयर टेकर नहीं है तो बीते लगभग दो महीनों के अंदर दो बार में सामुदायिक शौचालय के नाम पर 63 हजार रुपए कैसे निकला और क्यों निकाला गया । और निकाला गया रूपया किसको दे दिया गया कहां चला गया। 63 हजार रुपए दो बार में निकाले गए हैं जोकि दो अलग-अलग महिलाओं के खाते में पहुंचे हैं। सूत्रों द्वारा बताया जाता है जिन महिलाओं के खाते में सामुदायिक शौचालय के नाम पर रूपया खातों में पहुंचा है वह दोनों महिलाएं केयर टेकर ही हैं।

स्वच्छता अभियान का पाठ पढ़ाने वाले जिला प्रशासन का ऐसे प्रकरण की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं है । जहां महीनों से सामुदायिक शौचालयों की साफ-सफाई न की जा रही हो और हर महीने का रखरखाव सहित केयर टेकर का मानदेय धड़ल्ले से निकल रहा है। केयर टेकर से लेकर ग्राम प्रधान व सचिव धड़ल्ले से सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं ।

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