संवाददाता बबलू सागर आंवला बरेली।
आंवला/बरेली। फ़र्जी तरीके से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की शिकायतों पर बरेली स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के क्रम में आंवला पहुंची। और जांच के दौरान मानक विपरीत पाये जाने पर पुरैना स्थित जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया। वहीं दूसरा फर्जी बताये जाना वाला मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालक टीम की आने की भनक पड़ते ही अल्ट्रासाउंड सेंटर को बंद करके भाग गया।
सूत्र बताते हैं स्वास्थ्य विभाग के ही कुछ जयचंद टीम पहुंचने से पहले ही अपने चहेतों को बता देते हैं कि टीम पहुंचने बाली है खबरदार हो जाओ । और ये जयचंद ऐसे ही चहेतों को सूचनाएं नहीं देते सूचना लीक कर बताने की भी इनको एक कीमत मिलती है जो ये रिश्वतखोर जयचंद बखूबी अपने फर्ज को निभाते हैं।आपको बता दें जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर व मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर दोनों की शिकायत एक ज्ञापन के माध्यम से भारतीय जनता मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष अकबर अली द्वारा बीते दिनों की गई थी ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर और जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर ये दोनों सेंटरों पर टेक्नीशियन अल्ट्रासाउंड करते हैं और किराये पर डाक्टर कीर्ति गुप्ता जो कि बदायूं के उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ के कागजात लगाकर फ़र्जी तरीके से संचालित हो रहे हैं।
स्थानीय मीडिया द्वारा भी फर्जी संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की जा रही हैं।सूत्र बताते हैं मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक कहता फिरता है कि उसकी स्वास्थ्य विभाग में अच्छी पकड़ है विभागीय अधिकारी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। सवाल ये है कि जब स्वास्थ्य विभाग में अच्छी पकड़ है और मानकों के अनुरूप ही अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित किया जा रहा है तो आंवला में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने की खबर मिलते ही सेंटर का शटर डालकर फरार क्यों हो गया।
देखने योग्य होगा ऐसे फर्जी बताये जाने बाले अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग किस तरह कार्यवाही कर पायेगा जोकि टीम के पहुंचने की भनक पड़ते ही शटर डालकर फरार हो जाते हैं।बरेली के सिरौली में भी दो अल्ट्रासाउंड सेंटर मुस्कान अल्ट्रासाउंड सेंटर व माधव प्रिया अल्ट्रासाउंड सेंटर भी मानक विपरीत संचालित होने की सूत्रों द्वारा विश्वासनीए जानकारी दी गई बताया गया ये भी टेक्नीशियन के सहारे फर्जी तरीके से कागजात किराए पर लेकर संचालित किये जा रहे हैं। जोकि कार्यवाही के नाम पर बरेली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को खुली चुनौती देते नजर आ रहे हैं।