बरेली । जनपद भर में फर्जी तरीके से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मेहरबान है सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदकर बैठे स्वास्थ्य विभाग की आंखें तभी खुलती हैं जब इन फर्जियों के कृत्य की बजह से कोई अशोभनीय घटना घटित हो जाती है तब जाकर स्वास्थ्य विभाग आनन फानन में कार्यवाही कर अपना पलड़ा झाड़ लेता है । इससे पहले चाहे कोई कितनी भी शिकायतें सबूत के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुख्य चिकित्साधिकारी बरेली से करता रहे मजाल क्या है की कार्यवाही हो जाये। कार्यवाही तो छोड़ो और बल्कि जनशिकायत इनकी कमाई का जरिया बन जाती है ये ऐसे ही नहीं कहा जा रहा इसके भी तमाम उदाहरण सामने आये हैं।

आंवला नगर में संचालित हो रहे दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों की शिकायत उपजिलाधिकारी आंवला को ज्ञापन सौंपकर की गई है । भारतीय जनता मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष अकबर अली ने संघ के पदाधिकारियों अथवा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उपजिलाधिकारी आंवला को सौंपे ज्ञापन में बताया कि नगर में जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर व मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर ये दोनों अल्ट्रासाउंड सेंटर फर्जी चल रहे हैं जिन पर जाने कहां कहां के डाक्टरों के कागजात लगाये गये हैं कोई रेडियोलॉजिस्ट या सोनोलॉजिस्ट नहीं बैठता बल्कि टेक्नीशियन अल्ट्रासाउंड करते हैं दोनों सेंटरों पर नगीना का अल्ट्रासाउंड कराया तो दोनों की रिपोर्ट अलग अलग आई। तीसरी जगह बरेली अल्ट्रासाउंड कराया जहां की रिपोर्ट सही पायी गई।

उक्त दोनों अल्ट्रासाउंड सेंटरों की रिपोर्ट फर्जी निकली। आगे ज्ञापन में बताया गया कि आंवला के जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर व मेडिसिटी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं बैठता बल्कि टेक्नीशियन धड़ल्ले से अल्ट्रासाउंड करते हैं मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं पहले भी मेडिसिटी की शिकायतें की जा चुकी हैं स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही न करके सांठगांठ कर लेता है ये लगातार लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं इनकी गलत रिपोर्ट के आधार पर मरीज अपना इलाज कराता है जो और ज्यादा मुशीबत में पड़ जाता है यहां तक की उसकी मौत भी होने की संभावना हो जाती है जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर पर डाक्टर के मदन कुमार के कागजात लगाकर खोला गया है बताया जाता है डॉ मदन के कागजात करीब चार अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर किराये पर लगे हैं आंवला के जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मदन कुमार के कागजात शर्तों के आधार पर किराए पर लगे हैं।

सूत्र बताते हैं एक साल के लिए पचास हजार रुपए में ये कागजात किराए पर दिये जाते हैं बीच में सेंटर बंद हो जाये उससे कोई मतलब नहीं।और इस सब मामले में बरेली का स्वास्थ्य विभाग की भूमिका अहम बताई जाती है।वहीं सिरौली में भी मुस्कान अल्ट्रासाउंड सेंटर व माधव प्रिया अल्ट्रासाउंड सेंटर ये दो अल्ट्रासाउंड सेंटर भी फर्जीवाड़े के सहारे संचालित हो रहे हैं जिन पर न तो कोई रेडियोलॉजिस्ट या सोनोलॉजिस्ट नहीं बैठता बल्कि टेक्नीशियन अल्ट्रासाउंड करते हैं ।और बरेली स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी में ये फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर खूब फल फूल रहे हैं। देखने बाली बात होगी बरेली मुख्य चिकित्साधिकारी इन अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर क्या कार्यवाही करते हैं या ये ज्ञापन माध्यम से की शिकायत भी अन्य उदाहरण स्वरूप रह जायेगा।

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