सीबीआई जांच और आर्थिक सहायता के की मांग को लेकर ऐप्जा-देगी अनिश्चितकालीन धरना
बहेड़ी। ऑल इंडियन प्रेस जर्नलिस्ट एसोसियन के चीएफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सार्थी बहेड़ी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे।
और उन्होंने बहेड़ी के संगठन से जुड़े पत्रकार साथियों के साथ बैठक की। उन्होंने तहसील कमेटी से जुड़े सभी पत्रकार साथियों से सीतापुर जनपद के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की समर्थन में दे रहे ।

धरने के में सहयोग की मांग की। प्रेस नोट जारी कर उन्होंने बताया कि सीतापुर जनपद के तहसील क्षेत्र महोली से
दैनिक जागरण के पत्रकार किसान और ब्राह्मण माई राधेवेंद्र बाजपेई की बीते दिनों हेमपुर ओवरब्रिज पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एक माह से ज्यादा दिनों के बाद पुलिस द्वारा इस हत्याकांड में किए गए खुलासे से परिवारीजानों सहित संपूर्ण जनमानस हताश और अवाक रह गया है।
जैसा कि मृतक राघवेन्द्र की पत्नी ने भी वीडियो जारी कर इस खुलासे का विरोध किया है।

अब चेयरमैन ऐप्जा आल इंडियन प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन रवीन्द्र मिश्रा भगवान परशुराम जयंती पर आगामी 29 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार से
राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड की सीबीआई जांच व पत्रकार के परिवार को पचास लाख रुपए सहायता राशि और पत्नी को सरकारी नौकरी की मांग के समर्थन में सीतापुर कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
समस्त पत्रकार जगत, समस्त किसान संगठन, समस्त ब्राह्मण समुदाय, समस्त सामाजिक संगठनों एवं समस्त जनता जनार्दन से साथ की उन्होंने अपेक्षा की है।
अवगत कराना है, कि जहां एक ओर प्रदेश के मा० मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण तथा उनके विकास पर चिंता जताते हुए ।
आला अधिकारियों को आगाह करते रहते हैं । वहीं दूसरी ओर आए दिन
शासन-प्रशासन में कुंडली मार कर बैठे भ्रष्ट अधिकारी पूरे उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को अपने कोपभाजन का शिकार बनाने पर तुले रहते हैं।
वह पत्रकारों को घटनाओं, दुर्घटनाओं तथा फर्जी मुकदमों में फंसाकर कभी कभी तो हत्या तक करवाकर जनता जनार्दन एवं मीडिया की आवाज दबाने की नाकाम कोशिश करते रहते हैं।
इसी का नतीजा है , राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड। राघवेंद्र बाजपेई सीतापुर जनपद के महोली तहसील क्षेत्र से दैनिक जागरण लखनऊ संस्करण के पत्रकार थे।
समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर उनकी पैनी नजर थी। लगातार अपने अखबार के माध्यम से भ्रष्टाचार के कारनामें उजागर करते रहते थे।
शुरुआती दौर में तहसील प्रशासन के लोगों की इस हत्याकांड में संलिप्तता पाई गई।
किंतु शासन प्रशासन ने मिलीभगत कर एक माह तक हवा का रुख देखने के उपरांत हवा हवाई खुलासा कर केश से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
उन्होंने बताया कि केश की तह तक जाने में समय लगता है।
किन्तु हत्या का होना तो घटना के समय ही लग गया था। बावजूद इसके आर्थिक तंगी से जूझ रहे राघवेंद्र बाजपेई परिवार की आर्थिक सहायता देने में प्रशासन की हीलाहवाली उसकी मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
बहरहाल अब चेयरमैन ऐप्जा रवीन्द्र मिश्रा ने राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड की सीबीआई जांच, पचास लाख रुपए आर्थिक सहायता और पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए संघर्ष का ऐलान कर दिया है।
जब तक शासन-प्रशासन राघवेन्द्र के परिवार को आर्थिक सहायता 50 लाख रूपए, पत्नी को सरकारी नौकरी और सीबीआई जांच की संस्तुति नहीं करता है ।
तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। इस दौरान तहसील प्रभारी राजेश कश्यप, तहसील अध्यक्ष विशाल खां, संरक्षक आरके सक्सेना, उपाध्यक्ष रामपाल सागर, हेमंत डंग,शाहिद अंसारी, सुरजीत गंगवार, विशाल दिवाकर आदि मौजूद रहे।