रिपोर्ट कमल जीत सिंह

देवरनियां। बिजली विभाग विद्युत सुधार के नाम पर बड़े-बड़े दावे करता है । लेकिन धरातल पर काम कुछ नहीं करता है। यही हाल देवरनियां कोतवाली के गांव गिरधरपुर में उनके सुधार कार्यक्रमों का है। हाल ये है कि बिजली विभाग के अधिकारी समेत विभाग के ठेकेदारों का भी कारनामा उनसे ज़्यादा गज़ब का है।

विभाग की ओर से पहले लाइन खींचकर कनेक्शन दिए गए। उसके बाद जब बिजली व्यवस्था सुचारू हुई । तो बिजली के तार जर्जर हो गए। जो तार बचे थे वो हवा के झोंके से टूट कर जमीन पर गिर गए। लिहाजा आधे गांव में पोलों पर केबल तक मयस्सर नहीं है।

गांव में लगे बिजली के पोल और तार पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। ग्रामीणों ने जर्जर हो चुके तारों और पोल बदलवाने के लिए उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई।

इतना ही नहीं एसडीएम के आदेश पर शुरू हुए कार्य को बिजली विभाग का ठेकेदार प्रशासन को चकमा देकर अधूरा कार्य छोड़कर रफूचक्कर हो गया।

बावजूद इसके गिरधरपुर में समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। काम कराने वाला ठेकेदार अब बिजली विभाग की मिली भगत से अधूरे पड़े कार्य का भुगतान कराने की फिराक में लगा है।

देवरनियां कोतवाली के गांव गिरधरपुर में दशकों से बिजली व्यवस्था खराब चल रही है। गांव के लोगों ने खराब पड़ी बिजली व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए कई मर्तबा अधिकारियों व बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपे, मगर समस्या का समाधान नहीं हो सका।

समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीणों ने मजबूर होकर गांव में चन्दा इकट्ठा करके अपनी-अपनी केबल डायरेक्ट ट्रांसफार्मर से जोड़ ली। जिससे गलियों में तारों के झुंड जमा हो गए ।

अक्सर गलियों में लटके तारों में फाल्ट होने लगे, इन तारों के चपेट में आने से कई जानवरों की मौत हो चुकी है। बीते वर्ष के अक्टूबर माह में समाचार पत्रों को माध्यम से जब यह मामला एसडीएम बहेड़ी रत्निका श्रीवास्तव के सामने आया तो उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए आदेश दिए थे।

जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर जेई अरविंद कुमार ने उसी दिन खराब पड़ी बिजली व्यवस्था का निरीक्षण किया था, और गांव के लोगों को जल्द से जल्द समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया था।

एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव के मामले में दखल के बाद बिजली विभाग ने आनन-फानन में अगले ही दिन कार्य शुरू कर दिया था। ग्रामीणों को लग रहा था कि दशकों से झेल रहे खराब व्यवस्था से अब छुटकारा मिल जायेगा ।

ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। मगर बिजली विभाग व उसके ठेकेदार द्वारा जल्दी-जल्दी में काम निपटा दिया गया। बताया जाता है । कि ठेकेदार ने गांव में मानक के अनुसार कार्य नहीं किया है। ग्रामीणों के अनुसार कई जगह जहां पर पहले से ही पोल व केबल पड़ी हुई है । जो पूरी तरह से जर्जर है ।

वहां पर ठेकेदार ने नई केबल नहीं डाली है। कई जगह पोल झुके हुए हैं । जो कभी भी गिर सकते हैं । उसको भी ठेकेदार द्वारा नहीं बदला गया। जिससे ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। अब फिर ग्रामीणों ने गांव में अधूरे पड़े बिजली के कार्य को कराने की मांग की है। वहीं इस मामले में एक्सईएन चमन प्रकाश का कहना है कि जहां पर खराब तार है ।

या नंगा तार है, उसको बदलवा दिया जाएगा।अधिकारी रोज करते रहे । निरीक्षण पर नहीं दिखे झुके हुए पोल गांव में जहां पोल लगने थे । वहां पोल नहीं लगाये गये। इसीलिए केबल किसी के दरवाजे पर तो किसी की छत पर डाली गई है। बताया जाता है, कि जब गांव में बिजली सुधार का कार्य हो रहा था ।

तो उस समय रोजाना बिजली विभाग के अधिकारी, इंजीनियर व सुपरवाइजर कार्य का निरीक्षण करने पहुंचते रहे । मगर किसी को भी जर्जर केबल, झुके हुए पोल जो कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं । उनपर किसी की नजर नहीं पड़ी, या उन्होंने जानबूझकर नजर अंदाज कर दिया गया ।

और जल्दी-जल्दी में ठेकेदार से काम निपटवा दिया गया । इसकी जांच होनी चाहिए।अधिकारियों ने एक जनवरी के बाद काम कराने का दिया था आश्वासन बिजली विभाग के अधिकारियों ने गांव गिरधरपुर में अधूरे पड़े कार्य को कराने के लिए एक जनवरी के बाद कराने का आश्वासन दिया था । बीते साल के दिसंबर माह में एक्सईएन चमन प्रकाश ने कहा था ।

कि अभी नोटिस चल रहा है । एक-दो दिन व्यस्त रहेंगे। उन्होंने कहा था कि एक जनवरी के बाद विभाग के जेई, लाइनमैन और कम्पनी के सुपरवाइजर को गांव में भेजकर पुरानी व जर्जर लाइन का सर्वे कराकर उसको बदलवा दिया जायेगा।

मगर आज तक गांव में बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी गांव में सर्वे करने नहीं आया है। बिजली विभाग का यह दावा भी खोखला साबित हुआ।

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