उत्तर प्रदेश। ज्ञात हो कि टीजीटी पीजीटी 2016 और 2021 के अभ्यर्थी पिछले 11 जून और 18 जून को अपनी काउंसलिंग की मांग को लेकर माननीय योगी जी की जनता दरबार में जा चुके हैं।उससे संबंधित मामले में आइ जी आर एस किया गया जिसमें अधिकारियों के द्वारा रिपोर्ट लगा दी गई कि मामला अभी कोर्ट में है और हम सीटों का विवरण मंगा रहे हैं। परंतु सीटों का विवरण पिछले 11 महीने से मंगाया जा रहा है। पांच रिमाइंडर सर्कुलर जारी किए गए हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षकों के लिए पिछला रिमाइंडर सर्कुलर 31 अक्टूबर को जारी किया गया था। अब यह नया बहाना बनाकर मामले को और खीचा जा रहा है। रह गई कोर्ट केस की बात तो केवल टीजीटी हिंदी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है जिसमें निदेशालय खुद डबल बेंच में याचिका दायर किया हुआ है। न्यायिक प्रक्रिया कब तक चलेगी कोई नहीं जानता क्योंकि अगर विद्यार्थी हारते हैं तो सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खटखटाएंगे । इस विषय में इसका समाधान यह है कि टीजीटी हिंदी को छोड़कर बाकी 15 विषयों की काउंसलिंग कराई जाय। इस पर कोर्ट का कोई स्टे ऑर्डर भी नहीं है।
इससे पहले भी 2016 की काउंसलिंग कला विषय को छोड़कर कराई गई थी। केवल एक विषय के लिए बाकी 15 विषय के प्रतियोगी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है एवं सैकड़ो विद्यार्थी शिक्षक विहीन है। शिक्षण कार्य कई सालों से प्रभावित है। वेटिंग सूची 2021 में अभी भी 300+ पद रिक्त है इसलिए सरकार से निवेदन है की इसका संज्ञान लेकर तत्काल कार्यवाही करे।